Give Lift:पटना के लिफ्ट मैन सुशील सिंह ने लोगों को लिफ्ट देने की मुहिम शुरू की है। वह रोज अपने घर से बाइक निकलते हैं और सड़कों पर जरूरतमंदों को लिफ्ट देते हैं। वह रोजाना 80-90 किलोमीटर बाइक चलाते हैं। उन्होंने यह मिशन इसलिए शुरू किया है, ताकि हर वो लोग जो सक्षम हैं और जिनके पास बाइक है वह अपने परिचित, असहाय को लिफ्ट देकर मदद कर सकते हैं। इनसे प्रेरणा लेते हुए इनके मोहल्ले के 50 से भी ज्यादा लोग अपने आस-पास के लोगों को लिफ्ट देने लगे हैं।
70 वर्षीय बुजुर्ग को लिफ्ट मांगते देख आया ख्याल
उन्होंने बताया कि उन्हें यह ख्याल एक 70 वर्षीय बुजुर्ग को लिफ्ट मांगते देख आया था। जब वह दवाई की दुकान पर थें, तब उस बुजुर्ग को कहीं जाना था। रोड वहां से 2 किलोमीटर दूर था, उन्होंने एक बाइक सवाल युवक से लिफ्ट मांगी थी। तब वह युवक कोई बहाना बनाते हुए वहां से निकल गया। इस पर उस बुजुर्ग ने कहा कि अगर लिफ्ट नहीं देना है तो साफ मना कर दो बहाना बनाने की जरूरत नहीं है। यह सारी चीज सुशील बहुत गौर से देख रहे थे और वह बहुत आहत हुए। इसी घटना से उनके अंदर लोगों को लिफ्ट देने का ख्याल आया।
सुशील पेशे से एक बॉडीगार्ड हैं
लोगों के समय और पैसे बचाने में करते हैं मदद
उन्होंने कहा की प्राइवेट सेक्टर में जो लोग जॉब करते हैं और जिनकी सैलरी बहुत कम जैसे 5000, 10000, 12000 रुपए होती है। उनका लगभग 2500-3000 रुपए ऑटो किराए में ही खर्च हो जाता है। ऐसे में वह उन्हें लिफ्ट दे देंगे और उनका समय और पैसा दोनों बच जाएगा। सुशील ये काम पिछले डेढ़-दो सालों से कर रहे हैं। बीच में उनके साथ दो घटना घटित हो गई थी। उनके अंकल और उनकी दादी एक्सपायर कर गई, जिसके कारण बीच में एक्टिव नहीं थे, पर अब वह फिर से अपने मिशन में लग गए हैं।
परिचित, असहाय को लिफ्ट देने के लिए अपील करते हुए सुशील ने अपने बाइक पर एक प्लेट लगाया है
लिफ्ट लेने वाले के पास होना चाहिए अपना हेलमेट
उनका कहना है कि अगर वह दानापुर में है और उन्हें राजेंद्र नगर जाना है, तो इस बीच में कोई वैसा जरूरतमंद इंसान जिसे राजेंद्र नगर या फिर उस बीच में पड़ने वाले रास्ते में कहीं उतरना है तो वह लिफ्ट लेकर उनकी बाइक पर बैठ सकता है और वह रास्ते में उन्हें ड्रॉप कर देंगे। बस शर्त यह है की लिफ्ट लेने वाले के पास अपना खुद का हेलमेट होना चाहिए।
सुशील सिंह ने एक युवक को अपनी बाइक पर लिफ्ट दिया
प्राइवेट बॉडीगार्ड हैं सुशील
मूल रूप से छपरा के सुशील का सारा समय पटना में ही बीता है। उनका घर पटना में ही है। वह एक प्राइवेट बॉडीगार्ड हैं। उनके पिता पुलिस में थें और उनकी मां एक गृहणी। उनके पिता से जुड़ी एक कहानी साझा करते हुए सुशील बताते हैं की जब वह अपने पिता को छोड़ने के लिए जाते थें तब कोई ऑटो वाला रुकता नहीं था, क्योंकि कुछ पुलिसवालों के कारण उनके मन में यह बात बैठ गई थी कि बर्दी वाला पैसा नहीं देगा। ऐसे में सुशील के मन में ख्याल आता की अगर उनके पिता के पास हेलमेट होती तो मोहल्ले में कोई भी बाइक सवार उनको लिफ्ट दे देता।